आईये आज बात की जाये उनकी , जिनका गूगल एडसेंस खाता (Google Adsense Account), गूगल ने ही बंद कर दिया है। गूगल सर्च से आमदनी संबंधित पिछली पोस्ट के बाद से ही दसियों ईमेल आ चुकी हैं कि गूगल ने एकाऊँट डिसेबल कर दिया है क्या करें? सीधा सा ज़वाब यह है कि कुछ नहीं हो सकता। लेकिन यदि आप धैर्य रख सकते हैं तो कुछ उपाय हैं, लेकिन सबसे पहले यह विचार कीजिए कि खाता बंद क्यों कर दिया गया?  शुरूआती दौर को याद किया जाये तो हमारे सुपुत्र का भी चेहरा उतरा हुया था,  जिस दिन खाता बंद होने की सूचना ईमेल से मिली थी। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी क्योंकि वह जानता था कि उसने गूगल एडसेंस (Google Adsense) के नियम व शर्तों के साथ-साथ दो सुनहरे नियमों का भी पालन किया था।
दो सुनहरे नियम? ये क्या होते हैं? दिल पर हाथ रख लीजिए, बल्कि पत्थर ही रख लीजिए :-) ये दो सुनहरे नियम हैं: 
  1. स्वयं अपने गूगल एडसेंस विज्ञापनों पर क्लिक न करें
  2. अपने किसी साथी/ परिचित/ संबंधी/ पड़ोसी/ दुश्मन आदि को न बतायें कि आपको, किसी के द्वारा ‘वहाँ’ क्लिक किए जाने पर, आमदनी होती है!
लो कर लो बात! पहला नियम तो समझ में आता है कि खुद क्लिक करते रहेंगे तो कूकीज़ व आई पी पते जैसी अत्यंत सामान्य प्रक्रियायों के कारण गूगल की बुद्धिमान प्रणाली बस चुटकी बजाते ही आपके खाते पर ताला लगा देगी। लेकिन दूसरा नियम? भई जब तक हम बतायेंगे नहीं किसी को, तो क्लिक कौन करेगा?

इन दोनों नियमों में मानवीय स्वभाव व उत्कंठा का बहुत बड़ा दखल है। वो कहावत तो सुनी होगी आपने कि ‘हलवाई अपनी मिठाई खुद नहीं खाता’! बस पहले नियम को उससे जोड़ दीजिए। अब यहाँ कोई तकनीकी संगोष्ठी तो हो नहीं रही इसलिए इतनी सी बात गाँठ बांध लीजिए। अब देखें दूसरा नियम। मान लीजिए आपने अपने किसी नज़दीकी को यह ‘राज’ बता दिया है कि आपको इससे पैसे मिलते हैं तो वह जी जान से कोशिश करेगा कि ज़्यादा से ज़्यादा क्लिक करके आपको जल्दी से अमीर बना दे फिर आपको बताये कि भैया/ बहना/ यारा वो तो मैंने ही दनादन क्लिक किए थे इसलिए आपको इत्ते सारे पैसे मिले। मेरी पीठ थपथपायो, मैं आपका शुभचिंतक हूँ। जबकि वह गूगल बाबा की तकनीकी दक्षता से अंजान, आपका बंटाधार कर चुका होता है!
अब गूगल बाबा बैठे बैठे यही देखते रहते हैं कि किसने इतनी तरफदारी कर दी है, कौन सिफारिशी क्लिक पेश कर रहा है? बस दन्न से दरवाज़े बंद, हमेशा के लिए। अरे वो भी कमाने बैठा है, लुटाने थोड़े ही आया है। जिसके विज्ञापन पर क्लिक होती है वो भी देखता है कि अगला तो बस खो-खो खेल कर चले जा रहा है, साईट वाईट को देखता ही नहीं, ना ही जानना चाहता है कि ये किस काम की साईट है। बस पलक झपकते ही दूसरा दरवाज़ा खटकाने चल पड़ता है। 
अब अगर आपके दुश्मन को पता चल गया है कि आप तो बस अब महल खड़ा कर लोगे चंद क्लिक्स की बदौलत! तो वह भी अपना कम्प्यूटर संभाल कर, आपकी साईट या ब्लॉग पर, जहाँ पाये वहाँ क्लिक करना शुरू कर देता है , उत्तेजित होकर बुदबुदाते हुए। अबगूगल बाबा तो सबको एक ही नज़र से द्खते हैं। उनके लिए क्या दोस्त क्या दुश्मन? सबको बराबर मान कर फैसला लेते हैं कि ये हमारे काम का नहीं रहा अब।
विश्वास न हो हो खुद ही यहाँ पढ़ लो, जहाँ पाँचवें नम्बर पर लिखा है कि You shall not, and shall not authorize or encourage any third party to: (i) directly or indirectly generate queries, Referral Events, or impressions of or clicks on any Ad, Link, Search Result, or Referral Button (including without limitation by clicking on “play” for any video Ad) through any automated, deceptive, fraudulent or other invalid means, including but not limited to through repeated manual clicks, the use of robots or other automated query tools and/or computer generated search requests, and/or the unauthorized use of other search engine optimization services and/or software
वैसे अगर आप यह मानते हैं कि आपने इन दो सुनहरे नियमों का पालन किया है तो फिर अगली पोस्ट में देखेंगे कि इसके अलावा और क्या-क्या कारण हो सकते हैं गूगल एडसेंस खाता (Google Adsense Account) बंद होने के तथा बंद खाते को फिर से खुलवाने के लिए कौन से पापड़ बेलने पड़ेंगे!

मैं बी एस पाबला
छत्तीसगढ़ के दल्ली राजहरा में जनम व पालन पोषण
भिलाई इस्पात संयंत्र में सेवारत
हिंदी से बेहद लगाव
इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई तकनीकों में रुचि
फिलहाल हिंदी ब्लॉगिंग में 6 वर्ष से सक्रिय

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  • एडसेंस खाता
  • हलवाई खुद की मिठाई नहीं खता