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Tuesday, May 15, 2018

कैसे खोजें खोया फोन 14422 सर्विस की डीटेल Service Detail

कैसे खोजें खोया फोन 14422 सर्विस की डीटेल Service Detail:



नई दिल्‍ली। आम तौर मोबाइल फोन खोने या चोरी होने पर लोगों के हाथ मायूसी ही लगती है। अगर आप काफी मशक्‍कत के बाद भी पुलिस में कम्‍प्‍लेन करने में कामयाब भी रहे तो भी उसके मिलने की संभावना न के बराबर होती है। लोगों को इसी परेशानी से निजात दिलाने के लिए दूर संचार विभाग ने नई पहल की है। सरकार एक हेल्‍प लाइन नंबर 14422 जारी करने जा रही है। इस पर शिकायत करके अपने फोन के गुम होने की सूचना दे सकते हैं। 

शिकायत दर्ज होते ही शुरू होगी खोज 
14422 पर डायल करने या संदेश भेजने पर शिकायत दर्ज हो जाएगी। इसके बाद फोन खोने की सूचना संबंधित पक्षों जैसे पुलिस और सेवा प्रदाना कंपनी के पास पहुंचा जाएगी। इसके बाद उनका काम शुरू होगा। माना जा रहा है कि इससे लोगों को न सिर्फ अपना खोया फोन हासिल करने में आसानी होगी, बल्कि इन्‍श्‍योर्ड फोन का क्‍लेम मिलना भी आसान होगा। क्‍योंकि शिकायत आसानी से दर्ज होने के चलते उन्‍हें एफआईआर की कॉपी के लिए यहां वहां भटकाना नहीं पडेगा। 

महाराष्‍ट्र सर्किल में सबसे पहले सुविधा 
मनी भास्‍कर को मिली जानकारी के मुताबिक, दूरसंचार मंत्रालय मई के अंत में महाराष्ट्र सर्किल में इसकी शुरुआत करेगा। देश के 21 अन्य दूरसंचार सर्कल में कई चरणों में इसे दिसंबर तक लागू किया जाएगा। इस पोजेक्‍ट का नाम सेट्रल इक्विपमेट आइडेंटी रजिस्‍टर  (CIIR) होगा। दूरसंचार विभाग द्वारा तैयार सीईआईआर में हर नागरिक का मोबाइल ब्योरा होगा।  

सी-डॉट ने डिजाइन किया मॉडल 
दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डॉट) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए इसे डिजाइन किया है। सीईआईआर में देश के हर नागरिक का मोबाइल मॉडल, सिम नंबर और आईएमईआई नंबर है। मोबाइल मॉडल पर निर्माता कंपनी द्वारा जारी आईएमईआई नंबर के मिलान का तंत्र सी-डॉट ने ही विकसित किया है। इस तंत्र को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जाएगा। मोबाइल के खोने पर शिकायत दर्ज होते ही पुलिस और सेवा प्रदाता मोबाइल मॉडल और आईएमईआई का मिलान करेंगी। अगर आईएमईआई नंबर बदला जा चुका होगा, तो सेवा प्रदाता उसे बंद कर देंगी, हालांकि सेवा बंद होने पर भी पुलिस मोबाइल ट्रैक कर सकेगी। 

शिकायत के बाद कोई सिम काम नहीं करेगी
सी-डॉट के मुताबिक शिकायत मिलने पर मोबाइल में कोई भी सिम लगाए जाने पर नेटवर्क नहीं आएगा, लेकिन उसकी ट्रैकिंग होती रहेगी। पिछले कुछ सालों से रोजाना हजारों मोबाइल की चोरी और लूट की घटनाओं को देखते हुए सी-डॉट को दूरसंचार मंत्रालय ने यह तंत्र विकसित करने को कहा था। मंत्रालय के एक सर्वे में सामने आया था कि देश में एक ही आईएमईआई नंबर पर 18 हजार हैंडसेट चल रहे हैं।







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