नई दिल्ली. अगर आपके पास आइडिया है तो मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) आपको आगे बढ़ने में मदद करेगी। इसके लिए कंपनी ने JioGenNext प्लेटफार्म विकसित किया है, जो नए आइडिया वाले स्टार्टअप को अपने Jio इकोसिस्टम की मदद उपलब्ध कराता है। यहां पर कंपनी के एक्सपर्ट्स की सलाह से लेकर ट्रेनिंग तक की मदद उपलब्ध कराते हैं। यहां पर लोग अपने बिजनेस आइडिया कभी दे सकते हैं। कंपनी हर तीन महीने में नया प्रोग्राम शुरू करती है, जिसमें नए लोगों को शामिल कर लिया जाता है।
क्या है यह प्रोग्राम
कंपनी JioGenNext नाम से एक इकोसिस्टम चलाती है। यहां पर नए आइडिया देने वालों को तीन माह की ट्रेनिंग दी जाती है। लोगों को अपने बिजनेस आइडिया यहां भेजने होते हैं, जिसे एक जूरी के सामने रखा जाता है। जूरी को जिसका आइडिया पंसद आता है तो उसे 3 माह की ट्रेनिंग के लिए सलेक्ट करती है। यहां पर रिलायंस के बिजनेस लीडर ट्रेनिंग देने के अलावा उनको अपने स्टार्टअप शुरू करने या आगे बढ़ाने के लिए के तरीके भी बताते हैं।
पैसा भी लगा सकती है रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस Jio ट्रेडिशनली वेंचर कैपिटल फर्म नहीं हैं, लेकिन वह ऐसी कंपनियों में निवेश कर सकती है जो RIL या Jio के लक्ष्य को पूरा करने में मददगार बन सकती हो। जहां तक RIL या Jio के साथ मिलकर काम करने की बात है तो कंपनी इसकी गारंटी नहीं देती है, लेकिन हालांकि अगर संभावना हो तो विचार किया जा सकता है।
कैसे करें अप्लााई
अगर अाप इस ट्रेनिंग में रुचि रखते हैं तो कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे अप्लाई कर सकते हैं। कंपनी की वेबसाइट है https://www.jiogennext.com/faq. इस वेबसाइट पर एक सवाल-जबाव का पेज है जिसमें कंपनी ने लोगों के पूछे जाने वाले ज्यादातर सवालों के उत्तर डाल रखे हैं। इसके साथ यहां पर आवेदन करने का लिंक भी दिया गया है। इस लिंक को क्लिक करने पर एक फार्म सामने आता है, जिसे भरने पर आपका आवेदन पत्र कंपनी के पास चला जाएगा। बाद में कंपनी आपसे संपर्क करेगी।
कैसे लोगों को चुनती है रिलायंस
रिलायंस ऐसे लोगों को चुनना पसंद करती है, जिनमें काम को लकर एप्टीट्यूट हो और अपने काम के प्रति भरोसा भी हो। ऐसे लोग जो दूसरों के लिए उदाहरण बन सकें और उनमें सबसे अच्छी बात यह हो कि वह दूसरों की बात सुनना पसंद करते हों।
यहां क्या-क्या मिलती है मदद
यहां पर चुने गए लाेगों को देश के सबसे अच्छे स्टार्टअप से जुड़े लागों से संपर्क कराया जाता है। यहां पर अपने प्रॉडक्ट को Proof-of-Concept के हिसाब से टेस्ट करना बताया जाता है। सफल प्रोडक्ट के लिए कैसे मार्केट टेस्ट किया जाए और बाद में कैसे कमर्शियल पार्टनरशिप की जाए, यह भी बताया जाता है। यहां पर ट्रेनिंग लेने वालों को निवेशकों से भी मिलने का मौका मिलता है।
कितने दिन यहां पर रुकना पड़ता है
हालांकि यह पूरा प्रोग्राम 3 महीने का है, लेकिन यहां पर 6 हफ्ते ही रुकना पड़ता है। ट्रेनिंग प्रो्ग्राम के दौरान कंपनी शानदार सर्विस अपार्टमेंट रहने के लिए अपलब्ध कराती है, लेकिन यह फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व बेसिस पर मिलता है।
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