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Sunday, November 18, 2012

हिन्‍दी के सर्वश्रेष्‍ठ ब्‍लॉग: जिन पर हिन्दी ब्लॉग जगत की गुणवत्ता टिकी है ?



अगर आप ब्‍लॉगर हैं, तो कभी न कभी आपके मन में ये सवाल जरूर उठा होगा कि हिन्‍दी के बेहतरीन ब्‍लॉगकौन से हैं। हालांकि हर व्‍यक्ति के लिए बेहतरीन का पैमाना अलग-अलग हो सकता है, पर इस तरह की एक सूची बनाने के बारे में मैंने भी कई बार सोचा था। लेकिन इस काम में इतने प्रकार के रिस्‍क थे, इसलिए इसपर कभी अमल न कर सका। लेकिन जब ललित कुमार जी की इस सूची को देखा, तो सोचा कि क्‍यों न इसी बहाने कुछ चर्चा हो जाए।

ललित कुमार प्रोफ़ेशनल ब्लॉगर हैं। उन्‍होंने पिछले दिनों अपने ब्‍लॉग 'दशमलव' पर अच्‍छे ब्‍लॉग के लिए जरूरी चीजों पर विस्‍तार से चर्चा की थी। उस श्रृंखला में उन्‍होंने बहुत महत्‍वपूर्ण बातें कही हैं, जिनसे किसी का मतभेद नहीं हो सकता। 

ललित जी ने अपनी चर्चा में जो बिन्‍दु रखे थे, उन्‍ही को आधार बनाकर उन्‍होंने हिन्‍दी के बेहतरीन ब्‍लॉगों का भी चयन किया है, जो नीचे दी गयी है। इस सूची को बनाने से पहले उन्‍होंने जो शर्तें रखीं, वह थी- 1.ब्‍लॉग कम से कम एक वर्ष पुराना हो, 2. उस पर कम से कम 100 पोस्‍टें प्रकाशित हों और 3. वह एक ही व्‍यक्ति के द्वारा लिखा जा रहा हो। इसके साथ ही साथ सिर्फ कविता वाले ब्‍लॉग भी इस सूची हेतु विचारार्थ स्‍वीकार नहीं किये गये। 

हिन्‍दी के बेहतरीन ब्लॉगों के चयन में ललित जी ने लेखन की नियमितता, भाषा कौशल, ब्लॉग का रंग-रूप, लेखक की पाठकों के प्रति ज़िम्मेदारी, लेखन के प्रति गंभीरता, विषय चयन, विषय की जानकारी इत्यादि को आधार बनाया गया है। उन्‍होंने हिन्‍दी के 'महत्‍वपूर्ण ब्‍लॉगों की लिस्‍ट' को 'सामान्‍य ब्‍लॉग' और 'विषय आ‍धारित ब्‍लॉग' नामक दो श्रेणियों में बांटा है, जोकि निम्‍नानुसार है- 

सामान्‍य ब्‍लॉग

विषय आधारित ब्‍लॉग

   नोट- सूची रैंडम क्रम पर आधारित है।

ललित जी ने हालांकि इस सूची में सामुहिक ब्‍लॉगों को शामिल नहीं किया है, जिसकी वजह से भी से ब्‍लॉग यहां पर नजर नहीं आ रहे हैं। पर इसके अलावा भी बहुत से ऐसे व्‍यक्तिगत ब्‍लॉग हैं, जो इस सूची में होने चाहिए थे। जैसे साईब्‍लॉगज्ञान दर्पणक्‍वचिदअन्‍यतोअपिछींटे और बौछारेंउन्‍मुक्‍तप्राइमरी का मास्‍टरचोंच में आकाशतीसरा खम्‍बासंवादघरवॉयजरउम्‍मतेंमीडिया डॉक्‍टरदोस्‍तजिंदगी के मेले आदि-इत्‍यादि। 

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my health care: दमा ,साँस ,अस्थमा की शिकायत हर घर परिवार में देखने...

दमा ,अस्थमा ,साँस का फूलना ,साँस की तकलीफ़ = इस प्रकार की बीमारी का होना आम बात है, बच्चे से लेकर जवान और बुज़ुर्ग में इस के कारण अलग अलग होते है, शारीरिक कमज़ोरी,खून की कमी ,प्रोटीन की कमी ,वीर्य की कमी ,कैल्शिम की कमी ,पाचन क्रिया का कमजोर होना ,अधिक शीत आहार विहार का उपयोग ,धुल-धुआ ,मौसम या अन्य प्रकार से एलर्जी के कारण श्वास नली में कफ की वृद्धि और श्वास नली में संक्रमण के साथ सूजन होने से पर्याप्त आंक्सीजन की शरीर को पूर्ति नही हो पाती एवं प्रतिरोध क्षमता के कमजोर हो जाने से भी दमा या साँस की बीमारी हो सकती है .किसी किसी में आधुनिक दवाइयों के अधिक सेवन से भी दम का फूलना देखने में मिलता है ,आधुनिक दवाइयों के सेवन में उन के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकता है ,मौसम परिवर्तन में भी दमा की शिकायत जैसे किसी को बरसात के मौसम में कष्ट से सांस लेना पड़ता है . बार-बार सर्दी जुखाम के बिगड़ जाने से ,निमोनिया के बिगड़ जाने से भी दमा की शिकायत हो सकती है ,अन्य बीमारी के कारण भी अस्थमा की बीमारी हो सकती है .कुल मिलाकर मूल कारण का निदान करना जरूरी होता है . बचाव = खास करके ठंडा खाना पीना ,प्याज़ ,तेल ,खट्टी ,घी ,दही ,दूध,केला, धुल-धुआँ,बेर और इमली-अमसुर को नही खाए.  उपाय = गर्म भाप ले और गर्म पानी से पावो को डुबो ये ,अंकुरित चने का सेवन करे ,खजूर का सेवन करे ,गोमूत्र में शहद व् तुलसी पत्र मिलाकर सेवन करे .अपनी उर्जा को संतुलित बनाये रखे .       
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Monday, November 5, 2012

आरोग्यनिधि – 2

आरोग्यनिधि – 2